
इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू की वैज्ञानिक विवेचना ने फिर दिलाई बड़ी सफलता
रायगढ़, 6 दिसंबर। रायगढ़ पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि गंभीर अपराधों पर कानून कितनी सख्ती से नकेल कस रहा है। घरेलू विवाद में पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी कुशल चौहान को सत्र न्यायालय ने 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाकर कानून की जीत का मजबूत संदेश दिया है।
यह सफलता इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू की सटीक, वैज्ञानिक और निष्पक्ष विवेचना का परिणाम है, जिनके नेतृत्व में यह मामला रिकॉर्ड समय में प्रमाणित होकर न्याय के अंतिम मुकाम तक पहुँचा।
घटना: घरेलू विवाद में पत्नी की निर्मम पिटाई
11 सितंबर 2024 को ग्राम बाम्हनपाली में आरोपी कुशल चौहान ने घरेलू विवाद के दौरान पत्नी विमला खड़िया को बेरहमी से पीटा।
आरोपी ने महिला को घसीटकर कमरे में ले जाकर बांस के डंडे से निर्मम प्रहार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुई। परिजनों ने तत्क्षण Dial 112 पर सूचना दी और महिला को सिविल अस्पताल खरसिया ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
पुलिस की तेज कार्रवाई और वैज्ञानिक साक्ष्य संग्रह
सूचना पर तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू ने आशंका को गंभीरता से लेते हुए तुरंत अपराध दर्ज किया और अत्यंत संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ:
- आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया
- आरोपी के मेमोरेंडम पर बांस का डंडा, खून से सने कपड़े बरामद
- पटवारी नक्शा, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
- फॉरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमार्टम विवरण और वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए
- पूरी साक्ष्य श्रृंखला को मजबूत करते हुए अभियोग पत्र समय पर न्यायालय को सौंपा
यह विवेचना पुलिस विभाग द्वारा अनुकरणीय मानी जा रही है।
अभियोजन की दमदार पैरवी
न्यायालय में लोक अभियोजक पी.एन. गुप्ता ने प्रभावी तर्कों, सटीक क्रॉस एग्ज़ामिनेशन और ठोस साक्ष्यों के आधार पर मामला बेहतरीन ढंग से रखा।
सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर आरोपी को धारा 105, भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत दोषसिद्ध कर 10 वर्ष सश्रम कारावास और ₹100 अर्थदंड की सजा सुनाई।
लगातार दूसरी बड़ी सफलता
इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू की विवेचना में हाल ही में थाना दीनदयाल नगर (रायपुर) के हत्या प्रकरण में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है।
अब इस मानव वध मामले में बैक-टू-बैक सफल सजा दिलाकर उन्होंने अपनी दृढ़ता, कौशल और प्रोफेशनलिज़्म का पुनः प्रमाण दिया है।
पुलिस विभाग इस उपलब्धि को गंभीर अपराधों में प्रभावी विवेचना का उत्कृष्ट उदाहरण मान रहा है।














